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भागदौड़ भरी जिंदगी, अनियमित दिनचर्या एवं खानपान की गलत आदतों के कारण अधिकतर व्यक्ति पेट के रोगों से ग्रस्त मिल जायंगे। पाचन संस्थान हमारे पुरे शरीर की सेहत पर काफी प्रभाव पड़ता है। खानपान की आदतों में यदि इन बातो का ध्यान रखा जाए तो पेट के रोगों के होने की आशंका जाती है-
रेशा युक्त आहार कब्ज, अपचयन,बवासीर, कोलेस्ट्रल,मोटापा आदि रोगों से बचाता है। रेशा चोकर युक्त आता, सलाद, हरि सब्जिया, फल, चावल, दाल आदि में पाया जाता है। भोजन में दही, छाछ, अंकुरित अन्न, दूध, दलिया, खिचड़ी आदि का नियमित सेवन करना चाहिए। पूड़ी, पराठे, मिठाई, मिर्च ,जनक फ़ूड, मैदा आदि का ज्यादा सेवन नहीं करना चहिये।
सुबह उठने के बाद चाय बजाय 2-3 गिलास पानी पीना चाहिए बेड ते टी से पेट में एसिड बनता है। अच्छी तरह चबा चबा कर खाने से भोजन में लार रस अच्छी तरह मिल जाता है, जिससे भोजन का पाचन अच्छी तरह होता है, जल्दी जल्दी भोजन निगलने से अपचन,गैस, कब्ज, एसिडिटी आदि रोग होने लगते है।
धूम्रपान, तम्बाकु एवं अत्यधिक शराब का सेवन पेट के रोगों के साथ-साथ शरीर के अन्य रोगों का भी कारण होता है।
रात का खाना सोने 2-3 घण्टे पहले एवं हल्का होना चहिये। भोजन के बाद 15-२० मिनट अवश्य घूमे। इससे बहुत रोगों से बचाव तो होता ही है नीद भी अच्छी आती है।
स्वस्थ रहने के लिए लें सन्तुलित आहार
Reviewed by anil
on
4:24:00 AM
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